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"ये प्यार के वादे क्या सुनिए, यह दिल की कहानी क्या कहिए! / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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आने की ख़बर सुनकर जिनकी, धड़कन है बढ़ी जाती दिल की | आने की ख़बर सुनकर जिनकी, धड़कन है बढ़ी जाती दिल की |
02:17, 12 अगस्त 2011 के समय का अवतरण
ये प्यार के वादे क्या सुनिए, यह दिल की कहानी क्या कहिए!
कहना है हरेक तड़पन से जिसे, वह बात ज़ुबानी क्या कहिए!
आने की ख़बर सुनकर जिनकी, धड़कन है बढ़ी जाती दिल की
है आज उसी बेदर्द को यह नाड़ी भी दिखानी, क्या कहिए!
ऐसे तो किसीकी राह में हम, ये हार सजाये बैठे हैं
उड़ती ही चली जाती है मगर फूलों की जवानी क्या कहिए!
दिल प्यार की आँच में तपता जब, मोती है चमकता आँखों में
इस बूँद को आँसू की भी कोई कहता है जो पानी, क्या कहिए!
ऐसे तो, 'गुलाब' उन रातों की हर बात लिखी है सीने पर
पर आख़िरी प्यार की घड़ियों में आँसू की रवानी क्या कहिए!