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ये विचार सब युगों और देशों के / वाल्ट ह्विटमैन

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ये विचार सब युगों और देशों के सब लोगों के
हैं - ये नितांत मेरे मौलिक नहीं हैं;
यदि ये जितने मेरे हैं, उतने ही तुम्हारे नहीं हैं तो
ये कुछ नही हैं या कुछ नहीं-जैसे हैं;
यदि ये पहेली और पहेली सुलझाने वाले नहीं हैं, तो
कुछ नहीं हैं;
यदि ये जितने दूर हैं, उतने ही समीप नहीं हैं,
तो ये कुछ नहीं हैं।
यह वह घास है जो भूमि है और जल है
वहाँ उगती है;
यह वह सामान्य वायु है जो भूमंडल को नहलाती
रहती है।


अंग्रेज़ी से अनुवाद : डॉ० दिनेश्वर प्रसाद