Last modified on 2 सितम्बर 2018, at 10:20

ये सड़कें / ज्ञान प्रकाश सिंह

अट्ठाइस चक्के वाले ट्रक
चलते सड़कों के सीने पर
एक साथ बहुतेरे आते
हैं दहाड़ते
रौंदा करते
तब चिल्लाती हैं ये सड़कें
और कभी जब
अट्ठहास करते बुलडोजर
दौड़ लगाते उनके ऊपर
तब चीखा करती हैं सड़कें
कितना सहती हैं
ये सड़कें।
X X X
सड़क किनारे रहने वाले
एवं
यात्रा करने वाले
सड़ी गली मलयुक्त गन्दगी
करते रहते हैं सड़कों पर
और जानवर
करते गोबर
मैला भर देते हैं उन पर
जो पैदा करते हैं सड़ाँध
यह दुर्गन्धित कूड़ा कचरा
लाचार झेलती हैं सड़कें
पर चुप रहती हैं
ये सड़कें।
X X X

महुआ का तरु सड़क किनारे
टपकाता रस भरे फूल,
बिछ जाते पथ पर
श्वेत रंग,
कुछ पीत वर्ण
होकर विदीर्ण
उनको चुनने
सुबह सबेरे
माँ संग आई
छोटी बच्ची
महुआ बिनती दौड़ दौड़ कर
डलिया में रखती खुश होकर
तब मुस्कातीं हैं
ये सड़कें।
X X X
जाड़े का अरुणोदय
शीत चरम पर
धुंध सड़क पर
लड़कियाँ झुंड में
बतियाती हँसती
पढ़ने जातीं
कुछ साइकिल से
कुछ पैदल ही
कॉलेज ड्रेस पर
पहने स्वेटर
रंग विरंगे
छवि आकर्षक
सुषमा न्यारी
तब हर्षित होतीं
ये सड़कें।