Last modified on 6 अक्टूबर 2015, at 22:01

रंग हवा का / श्याम सुशील

चोट मुझे लगती है, मम्मी
तुमको क्यों होता है दुख,
अच्छे नंबर जब लाता हूँ
पापा क्यों हो जाते खुश!

फूलों में खुशबू होती है
मगर हमें क्यों नहीं दीखती,
रंग हवा का क्या होता है
कहाँ-कहाँ वह उड़ती फिरती।

गुस्सा कहाँ छिपा रहता है
हँसी कहाँ से आ जाती है,
चंदा को मामा क्यों कहते
धरती माँ क्यों कहलाती है।

सूरज में क्यों इतनी गरमी
चंदा में क्यों शीतलता है,
मम्मी, जब तुम हँसती हो तो
मुझको क्यों अच्छा लगता है?

-साभार: नंदन, सितंबर, 1998, 36