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रंजिशो में ज़िन्दगी मत काटिए / सिया सचदेव

रंजिशो में ज़िन्दगी मत काटिए
प्यार की दौलत ही सब में बाँटिये

आपके अपने सभी इंसान हैं
खाइयां रिश्तो की पहले पाटिये

ग़र ख़ुशी पानी है तो ग़म भी सहो
नश्तरों से फूल थोड़े छांटिए

डर गया तो फिर संभल न पायेगा
आप बच्चे को न ऐसे डांटइए

सारे मज़हब एक हो जाये सिया
इस दुआ के साथ चाहत बाँटिये