Changes

}}
[[Category:पद]]
 
<poem>
राखी बांधत जसोदा मैया ।
 
विविध सिंगार किये पटभूषण, पुनि पुनि लेत बलैया ॥
 
हाथन लीये थार मुदित मन, कुमकुम अक्षत मांझ धरैया।
 
तिलक करत आरती उतारत अति हरख हरख मन भैया ॥
 
बदन चूमि चुचकारत अतिहि भरि भरि धरे पकवान मिठैया ।
 
नाना भांत भोग आगे धर, कहत लेहु दोउ मैया॥
 
नरनारी सब आय मिली तहां निरखत नंद ललैया ।
 
सूरदास गिरिधर चिर जीयो गोकुल बजत बधैया ॥
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits