भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

रागनी 12 / विजेन्द्र सिंह 'फौजी'

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मेरा छोड़ दयो ख्याल रै थम-2
दुश्मन को मार गिराओ के आगै कदम बढ़ाओ
 
मेरे जीवण की आस नहीं
बाकी रहे मेरे सांस नहीं
क्यूँ ना मन समझाओ के आगै कदम बढ़ाओ

सै टेम किमती मतना खोवो
चाले जाओ थम मतना रोवो
जोश गात म्हं जगाओ के आगै कदम बढ़ाओ

जननी माँ का ना दुध लजाईयो
जंग म्हं ना उल्टा कदम हटाईयो
दुश्मन तै कब्जा छुटाओ के आगै कदम बढ़ाओ

विजेन्द्र सिंह कहै डोहकी आला
रक्षा करै थारी कृष्ण काला
थम गुण ईश्वर के गाईयो
तर्ज-सुन ओ हसीना झांझर वाली