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रात! मेरे दिल में नाच / कुमार पाशी

रात--प्यारी रात-नाच
चल रही है आज यादों की पवन--ऐ रात नाच
आसमानों की बहन--ऐ रात नाच

ऐ मेरी देरीना महबूबा, मेरी दिलदार नाच
वहशियों के हाथ की तलवार नाच
इस ज़मीन की सरहदों के पार--नाच

पर्बतों पर नाच, दरयाओं पे नाच
गुलशनों पर नाच, सहराओं पे नाच
दूर के फूलों भरे मधुबन में नाच
रात! मेरे घर मेरे आंगन में नाच

रात--प्यारी रात--आ
चांद तारों की दुलारी रात-आ
दो घड़ी अब दर्द की महफ़िल में नाच
रात! मेरे दिल में नाच