भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

राधा तोरा घरऽ आया मिजवान / पँवारी

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:01, 20 मार्च 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=पँवारी |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पँवारी लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

राधा तोरा घरऽ आया मिजवान
हमरा आदर करना गे।
तोरी जांघ जबरदस्त, हमराबईल बँधेंगे।।
तोरी नागझिरी का पानी
हमरा बईल पियेंगे।।
तोरा फाटक पऽ दूध
हमरा बईल चरेंगे।।
समधन तोराऽ घरऽ आया मिजवान
हमरा आदर करना गे।।