भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

रामचंदर जलम लेलन चइत रामनमी के / मगही

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:23, 11 जून 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मगही |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCatSohar}}...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मगही लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

रामचंदर जलम लेलन<ref>लिया</ref> चइत<ref>चैत मास</ref> रामनमी के॥1॥
डगरिन जे नेग<ref>शुभ अवसरों पर हकदार सगे-सम्बन्धियों अथवा हजाम आदि पौनियों को दिया जाने वाला उपहार</ref> माँगइ, नार के कटाइ<ref>काटने का</ref>।
कोसिला के कँगन लेमो,<ref>लूँगा</ref> चैता रामनमी के॥2॥
नाउन<ref>हजामिन</ref> जे नेग माँगे, पैर के रँगाइ।
कोसिला के कँगन लेमो, चैता रामनमी के॥3॥
धोबिन जे नेग माँगे, फलिया<ref>सेवा-लुगुरी, सुजनी-साड़ी</ref> के धोबाइ<ref>धुलाई</ref>।
कोसिला के कँगन लेमो, चैता रामनमी के॥4॥
फूआ<ref>बुआ, फुआ</ref> जे नेग माँगे आँख के अँजाइ<ref>आँजन करने का पुरस्कार</ref>।
कोसिला के कँगन लेमो, चैता रामनमी के॥5॥
दाई जे नेग माँगे, सौरी के झोराइ<ref>प्रसूति-गृह की सफाई धुलाई का पारिश्रमिक</ref>।
कोसिला के कँगन लेमो, चैता रामनमी के॥6॥

शब्दार्थ
<references/>