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"रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'" के अवतरणों में अंतर

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(रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' की रचनाएँ)
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::(जब खेलने आये बच्चे, हरी पत्तियाँ, लाल बुझक्कड़, अक्कड़-बक्कड़)
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::(जब खेलने आये बच्चे, हरी पत्तियाँ, अक्कड़-बक्कड़)
 
*[[बाल कविताएँ / भाग 7 / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु']]
 
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::(लोरी, मेरे मामा, आ भाई सूरज, धूप की चादर)
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::(हम चाँद बनेंगे, सूरज का गुस्सा, सबसे प्यारे, दो बदमाश )
 
::(हम चाँद बनेंगे, सूरज का गुस्सा, सबसे प्यारे, दो बदमाश )
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::(लाल बुझक्कड़,मेरे मामा ,गुड़िया रानी )

19:35, 30 जून 2007 का अवतरण

रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' की रचनाएँ

रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
Rameshwer dayal kamboj.jpg
जन्म 19 मार्च 1949
निधन
उपनाम हिमांशु
जन्म स्थान ग्राम हरिपुर, तहसील बेहट, जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश, भारत
कुछ प्रमुख कृतियाँ
माटी, पानी और हवा; अँजुरी भर आसीस; कुकड़ूकूँ; हुआ सवेरा,असभ्य नगर(लघुकथा संग्रह).खूँटी पर टँगी आत्मा(व्यंग्य -संग्रह)
विविध
आप केन्द्रीय विद्यालय आयुध उपस्कर निर्माणी, हज़रतपुर, जिला फ़िरोज़ाबाद, उत्तर प्रदेश में प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं।
जीवन परिचय
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' / परिचय
कविता कोश पता
www.kavitakosh.org/{{{shorturl}}}




(मेरी नानी, भारी बस्ता, पत्ता, दादा जी, रोमा)
(चाचा जी का बन्दर, तारे, तितली रानी, नन्हीं चींटी, मुर्गा बोला)
(माली, मोर, माता-पिता, बापू, तिरंगा)
(तोता, फल, मोटूराम, मेंढक जी, सवाल)
(रेल चली, हाथी दादा, प्यारे बादल, सावन आया, बादल)
(जब खेलने आये बच्चे, हरी पत्तियाँ, अक्कड़-बक्कड़)
(लोरी, आ भाई सूरज, धूप की चादर)
(हम चाँद बनेंगे, सूरज का गुस्सा, सबसे प्यारे, दो बदमाश )
(लाल बुझक्कड़,मेरे मामा ,गुड़िया रानी )