Last modified on 22 अक्टूबर 2013, at 05:58

राम की विदाई पर सखी / महेन्द्र मिश्र

Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:58, 22 अक्टूबर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=महेन्द्र मिश्र |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

 
सियावर काल्हे सखी चलि जइहें।
अवध नरेश सनेस पेठाए डेरा कूच हो जइहें।
सारी महलिया में हलचल मचल बा सारी बारात चलि जइहें।
दुलहा के सूरत भूलत नाहीं प्राण लिए चलि जइहें।
हँसि-हँसि पूछेली सारी से सरहज कोहबर से जाने ना पाइहें।
तन-मन-धन सभ वारन कइनी कइसे निठुर होई जइहें।
द्विज महेन्द्र जिया मानत नाहीं प्रेम के नइया डुबइहें।