रास्ते में वो मिला अच्छा लगा
सूना-सूना रास्ता अच्छा लगा
अपना चेहरा आज क्या अच्छा लगा
बाद-ए-मुद्दत आईना अच्छा लगा
उस ने जाने क्या कहा, अच्छा लगा
रुकते-रुकते बोलना अच्छा लगा
कितने शिक़वे थे मुझे तक़दीर से
आज किस्मत का लिखा अच्छा लगा
मुझ में क्या है, मुझ को कब मालूम है
वो ही जाने उस को क्या अच्छा लगा
उसकी सूरत से लगा मुझ को "निज़ाम"
उस को मेरा देखना अच्छा लगा