Last modified on 2 नवम्बर 2017, at 17:53

राहत मिलेॅ / बिंदु कुमारी

दिन नुकैलैं
सुरूज छिपलैं
रात होलै
अन्हार पसरलै
आय सरंगोॅ मेॅ मेघ नै छै
आमावस्या भी नै छेकै
फेरू
चान कैहिनेॅ नी देखाय छै
चहूँ ओर अन्हार छै
गुहार करै छी
मेघ छटें
सरंग साफ हुवेॅ
चान देखावेॅ
राहत हमरा मिलेॅ।