Last modified on 30 सितम्बर 2016, at 04:48

रिमझिम रिमझिम घन घिर अइहो / पवन कुमार मिश्र

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:48, 30 सितम्बर 2016 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

रिमझिम-रिमझिम घन घिर अइहो
मोरी जमुना जुड़इहें ना।

मद्धिम-मद्धिम जल बरसइहो
मोरी जमुना अघइहें ना।

कदम के नीचे श्याम खड़े हैं
मुरली अधर लगाए

बंसिया बाज रही बृंदाबन
मधुबन सुध बिसराए

हौले-हौले पवन चलइहो
मोरी जमुना लहरिहें ना।

रिमझिम-रिमझिम घन घिर अइहो
मोरी जमुना जुड़इहें ना ।

रस बरसइहो बरसाने में
भीजें राधा रानी

गोपी ग्वाल धेनु बन भीजें
भीजें नन्द की रानी

झिर-झिर झिर-झिर बुन्द गिरइहौ
मोरी जमुना नहइहें ना।

रिमझिम-रिमझिम घन घिर अइहो
मोरी जमुना जुड़इहें ना।