Last modified on 14 मार्च 2011, at 02:03

रिश्ते सीढ़ियों की तरह / नीलोत्पल

रिश्ते सीढ़ियों की तरह हैं
कोई चढ़ता है, कोई उतरता है
लेकिन लाजवाब बात है
दोनों ही सूरतों में
आदमी ख़ूब जीता है
क्यों सीढ़ियाँ लक्ष्य तय नहीं करतीं
क्योंकि जहाँ लक्ष्य है
वहाँ केवल व्यापार

सीढ़ियाँ माध्यम हैं
इसलिए वह सम्पन्न होती हैं हर बार
नए सिरे से खुलने के लिए... ।