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रूप सजाकर रखना मुश्किल / हरि फ़ैज़ाबादी

रूप सजाकर रखना मुश्किल
लाज बचाकर रखना मुश्किल

मछली को दरिया के अन्दर
महल बनाकर रखना मुश्किल

दरवाज़ा है टूटा घर का
राज़ बचाकर रखना मुश्किल

शम्अ देखो परवानों पर
रोक लगाकर रखना मुश्किल

ज़ुल्म छोड़ दो बहुत दिनों तक
आह दबाकर रखना मुश्किल

नामुमकिन तो नहीं भले ही
जाम उठाकर रखना मुश्किल

धूप आ गयी अब सूरज से
आँख मिलाकर रखना मुश्किल