http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%B0%E0%A5%82%E0%A4%B9_/_%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%97%E0%A4%A4%E0%A4%BF_%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE&feed=atom&action=historyरूह / प्रगति गुप्ता - अवतरण इतिहास2024-03-28T13:03:42Zविकि पर उपलब्ध इस पृष्ठ का अवतरण इतिहासMediaWiki 1.24.1http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%B0%E0%A5%82%E0%A4%B9_/_%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%97%E0%A4%A4%E0%A4%BF_%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE&diff=273883&oldid=prevसशुल्क योगदानकर्ता ५: '{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रगति गुप्ता |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया2020-04-01T13:54:55Z<p>'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रगति गुप्ता |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया</p>
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|अनुवादक=<br />
|संग्रह=<br />
}}<br />
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<poem><br />
दिल का एक हिस्सा<br />
मन्नत के धागों से बंधा<br />
रूहो का होता है...<br />
सुनते है वहाँ कोई<br />
बहुत दिल से जुङा रहता है...<br />
दिखता नहीं वह कोना<br />
ना ही वह रूह नजर आती है...<br />
तभी तो ऐसे रिश्तों को<br />
समझ पाना भी आसां कहाँ होता है...<br />
खामोश रूहें वहीं सकूंन से<br />
गले मिला करती हैं...<br />
कहने को तो कुछ नहीं<br />
पर महसूस करने को<br />
बहुत कुछ हुआ करता है...<br />
दिल के उसी कोने मे, <br />
रूहों का आरामगाह हुआ करता है...<br />
</poem></div>सशुल्क योगदानकर्ता ५