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रोड़ौ : एक / सुनील गज्जाणी

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म्है रोड़ौ
मरग मांय पड्यौ
आवण-जावण आळा
री ठोकरां खावंतौ
मांय-मांय
मनड़ै मैं कळपतौ
फगत
रौड़ै रौ डौळ लियोड़ौ।