Last modified on 17 अक्टूबर 2013, at 15:40

रोड़ौ : तीन / सुनील गज्जाणी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:40, 17 अक्टूबर 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

म्हैं,
रोड़ौ
’श्रद्धा’ मांय ढळ्यौ
लैणां मांय खड्यौ माणखौ
दरसण करण सारू
बिसरा म्हारै
पैले डौळ नै।

म्हैं
फगत
अबै रोड़ौ नीं
लोगां री
श्रद्वा हूँ
आस्था हूँ।