Last modified on 6 जून 2011, at 14:17

र्इंटें / नील कमल

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:17, 6 जून 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नील कमल |संग्रह=हाथ सुंदर लगते हैं / नील कमल }} {{KKCatKa…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अपने-अपने नाम की र्इंटें हटा लो
इस दीवार में लगे होने का मतलब नहीं ।

अपने नाम की र्इंट से हटाओ काई
अपने नाम की र्इंट के कर दो टुकड़े
अपने नाम की र्इंट उछालो पूरे दम से ।

अपने-अपने नाम की र्इंटें हटा लो
इस दीवार में लगे होने का मतलब नहीं।

मैंने अपने नाम की र्इंट उछाल दी है दीवार पर ।