Last modified on 23 जनवरी 2020, at 23:22

लंच बॉक्स / बालस्वरूप राही

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:22, 23 जनवरी 2020 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मम्मी, छोड़ो लाड़-दुलार,
लंच बॉक्स कर दो तैयार।
सब्जी खूब मसालेदार,
गरम पूरियाँ पूरी चार।

पापड़ हो जाता बेकार,
रख दो चटनी और आचार।
क्यों देतीं केला हर बार,
मम्मी, रखना आज अनार।