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लकड़ी का धुला फ़र्श / ग्रिगोरी बरादूलिन

अभी-अभी धोया गया है फ़र्श
लीसे की उसमें से आ रही है महक
लगा जैसे अभी-अभी हुई हो बारिश
अभी-अभी चहके हों उदास पक्षी ।

रसभरी के झाड़ में दम घुटने लगा है
सहमे-सहमे तना खोद रहा है कठफोड़वा-
पोंछ लो अपने पाँव, आहिस्ता से चलो
चरमरा रहा है फ़र्श...हिलने लगी हैं पेड़ों की चोटियाँ... ।

रूसी से अनुवाद : वरयाम सिंह