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"लगी है चोट जो दिल पर बता नहीं सकते / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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हमारा दर्द उन्हें दूसरे कहें तो कहें  
 
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हम अपने आप तो होठों पे ला नहीं सकते
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हमें वो आँख दो परदे के पार देख सकें  
 
हमें वो आँख दो परदे के पार देख सकें  

01:32, 23 जुलाई 2011 के समय का अवतरण


लगी है चोट जो दिल पर बता नहीं सकते
ये वो कसक है जो कहकर सुना नहीं सकते

तुम्हारे प्यार को भूलें तो भूल जायें हम
तुम्हारी याद को दिल से भुला नहीं सकते

उन्होंने दम में किया ख़त्म ज़िन्दगी का सफ़र
जो कह रहे थे कि दो पग भी जा नहीं सकते

तुम्हारे रूप को आँखों में भर लिया हमने
किसीसे और अब आँखें मिला नहीं सकते

हमारा दर्द उन्हें दूसरे कहें तो कहें
हम अपने आप तो होँठों पे ला नहीं सकते

हमें वो आँख दो परदे के पार देख सकें
जो सामने से ये परदा उठा नहीं सकते

सही है, आपने देखा नहीं गुलाब का फूल
कभी हम आपको झूठा बता नहीं सकते