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"लग जा गले / राजा मेंहदी अली खान" के अवतरणों में अंतर
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बाँहें गले में डाल के हम रो लें ज़ार-ज़ार | बाँहें गले में डाल के हम रो लें ज़ार-ज़ार | ||
आँखों से फिर ये प्यार की बरसात हो न हो | | आँखों से फिर ये प्यार की बरसात हो न हो | | ||
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22:56, 18 फ़रवरी 2011 का अवतरण
लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो न हो,
शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो ।
हमको मिली हैं आज ये घड़ियाँ नसीब से
जी भर के देख लीजिये हमको करीब से
फिर आपके नसीब में ये बात हो न हो |
पास आइए के हम नहीं आएँगे बार-बार
बाँहें गले में डाल के हम रो लें ज़ार-ज़ार
आँखों से फिर ये प्यार की बरसात हो न हो |
फ़िल्म : वो कौन थी (1964)