भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

लहरों का सन्तोष / बलदेव वंशी

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:10, 12 मार्च 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बलदेव वंशी |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKav...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

लहरें नहीं जानतीं
मुसाफ़िर का नाम
उद्देश्य का काम
लहरों पर नहीं लिखा
पार उतरने
या डूबने वालों का इतिहास
उनके हिस्से आता है
डूबे जहाज़ों का मलबा
या पार उतरों का उल्लास
लहरों को
इतने में सन्तोष है !...