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लाकॅडाउन / त्रिलोकीनाथ दिवाकर

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संकट में दुनियाँ जे पड़ी गेलै
कोरोना से कत्ते नी मरी गेलै

आँख नाक मंूहो क‘ जादे पै छुवो
रही-रही हाथो के सुबुन से धुवो
भीड़ो में घुसला से बढ़ी गेलै
कोरोना से कत्ते नी मरी गेलै।

कोरोना भगाबै ल‘ घरो मे रहो
जिनगी बचाबै ल‘ कुच्छु तों सहो
बातो के टालै के घड़ी गेलै
कोरोना से कत्ते नी मरी गेलै।

पी.एम. के लॉकडॉन देशो के खातिर
बेमतलब नै निकलोॅ पुलिसो छै शातिर
धरैला प‘ डंटा जे पड़ी गेलै
कोरोना से कत्ते नी मरी गेलै।S