रही तनी और अनम्य
जब तक रही मेरे साथ
लिए हाथों में हाथ
कितने मौसम
कुहरे भरे और तूफ़ानी
बिताए हमने साथ-साथ
भुगतेगा उचक्का वह
जिसने किया हमें अलग
सालेगी बरसों बरस
टीस यह लासानी
रही तनी और अनम्य
जब तक रही मेरे साथ
लिए हाथों में हाथ
कितने मौसम
कुहरे भरे और तूफ़ानी
बिताए हमने साथ-साथ
भुगतेगा उचक्का वह
जिसने किया हमें अलग
सालेगी बरसों बरस
टीस यह लासानी