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लाल रंग बरसत चारों ओर / शिवदीन राम जोशी
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04:55, 7 दिसम्बर 2011
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|रचनाकार=शिवदीन राम जोशी
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लाल रंग बरसत चारों ओर।
नंदगोपाल राधिका जय-जय, नांचे नंद किशोर।
रंग गुलाल उडाने वारे, श्रीराधा के हो तुम प्यारे,
पूरण ब्रह्म रसिला कृष्णा, मन मोहक चित चोर।
</poem>
Lalit Kumar
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