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लेहु जु लाई हौँ गेह तिहारे परे जेहि नेह सँदेस खरे मैँ / दास

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लेहु जु लाई हौँ गेह तिहारे परे जेहि नेह सँदेस खरे मैँ ।
भेटौ भुजा भरि मेटौ बिथान समेटौजू तौ सब साध भरे मैँ ।
सँभु ज्योँ आधे ही अँग लगाओ बसाओ कि श्रीपति ज्योँ हियरे मैँ ।
दास भरौ रसकेलि सकेलि सुआनँद बेलि सी मेलि गरे मैँ ।

दास का यह दुर्लभ छन्द श्री राजुल मेहरोत्रा के संग्रह से उपलब्ध हुआ है।