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लोग किनारे पार / अमित कुमार मल्ल

लोग पार कर रहे थे
मैं किनारे पर रुक गया
कि

बच्चे खेलते पार कर ले
जवान दौड़ते पार कर ले
बे सहारा सहारा लेकर पार कर ले

मैं वक्त बनकर बूढ़ा हो गया
किनारे पर ही खड़ा रहा