भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

लोहे का घर: सात / शरद कोकास

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 
प्लेट्फॉर्म से दूर
किसी यार्ड में
खाली डिब्बों की तरह
शंटिंग करता हुआ
मेरा तुम्हारा प्यार
 
डिब्बों को
खोलने जोड़ने वाला
वह आदमी
तुम्हारा बाप
न जाने कब
तुम्हारे डिब्बे को
मेरे डिब्बे से खोलकर
किसी और के डिब्बे में जोड़ देगा।