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लो भुला दिया / शिवबहादुर सिंह भदौरिया

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लो भुला दिया
मैंने।
अहं के कदम्ब चढ़ा
बाँसुरी वादक-न कही,
सिद्धि औ प्रसिद्धि की
दुकानों में
बिका हुआ साधक-
न कहो;
देख तो लिया होगा:
कैसे मोती से जीवन को
घुँघची से-
तुला दिया
मैंने।