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"वक्त जीवन में अइसन ना आवे कबो / मनोज भावुक" के अवतरणों में अंतर

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वक्त जीवन में अइसन ना आवे कबो
 
वक्त जीवन में अइसन ना आवे कबो
 
बाप बेटा के अर्थी उठावे कबो
 
बाप बेटा के अर्थी उठावे कबो
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सबका गोदी के 'भावुक' खेलवना बने
 
सबका गोदी के 'भावुक' खेलवना बने
 
काश! बचपन के दिन लौट आवे कबो
 
काश! बचपन के दिन लौट आवे कबो
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14:49, 29 अक्टूबर 2010 के समय का अवतरण

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वक्त जीवन में अइसन ना आवे कबो
बाप बेटा के अर्थी उठावे कबो

रोशनी आज ले भी ना पहुँचल जहाँ
केहू उहँवों त दियरी जरावे कबो

सब बनलके के किस्मत बनावे इहाँ
केहू बिगड़ल के किस्मत बनावे कबो

जे भी आइल सफर में दुखे दे गइल
केहू आइल ना हमके हँसावे कबो

हमरा हर कोशिका में समाइल बा जे
काश! हमरा के आपन बनावे कबो

सबका गोदी के 'भावुक' खेलवना बने
काश! बचपन के दिन लौट आवे कबो