Last modified on 9 फ़रवरी 2009, at 13:04

वज़ह मत पूछो / थेओ कांदीनास

वज़ह मत पूछो
जो ज़िन्दा रहा है
उसके पास काफ़ी वज़हें हैं
कि वह चला जाए
जब दिन ढल रहा हो
बिना आँसू बहाए

और जो रहे
उसके पास हँसने की कोई वज़ह नहीं है
उसके पास काफ़ी वज़हें हैं
रुकने की
और रोने की

अनुवाद : विष्णु खरे