Last modified on 2 अगस्त 2020, at 19:20

वन्स मोर / प्रभुदयाल श्रीवास्तव

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:20, 2 अगस्त 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रभुदयाल श्रीवास्तव |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कूद-कूद मेंढक भैया ने,
कविता एक सुनाई।
टर्र-टर्र बस टर्र-टर्र की,
ही ध्वनि पड़ी सुनाई।
गुस्से के मारे दर्शक सब,
जोरों से चिल्लाये।
मेंढक भैया गए मंच से,
ताबड़ तोड़ भगाए।
तभी बहन कोयल ने आकर,
हँसकर मंच संभाला।
शक्कर जैसे पगे कंठ से,
मीठा गीत निकाला।
उसके मीठे शहद सरीखे,
बोल सभी को भाये।
सारे दर्शक ज़ोर-जोर से,
वन्स मोर चिल्लाये।