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वरदान माँगी / हर्षनाथ पाण्डेय

वरदान माँगी मईया वीणा पाणिनी से
नया नया छंद नव गीत बने निस दिन,
ताल वंद आ मिरदंग अम्ब झरे तीसो दिन।
कि शंख, चक्र पद्म हस्त हंसवाहिनी से
वरदान माँगी मईया...
हियरा में अविरल ज्योति भर द माई
अंधियारी रतिया अंजोर करऽ आई
कि प्रेम रस शांत स्वर श्री यक्षिणी से
वरदान माँगी मईया...
भीतर के पइठल सब शत्रुन संहार दऽ
माई मोर लेखनी क निरमल धार दऽ
कि भारतऽ भुवन के आधार धारिणी से
वरदान माँगी मईया...
असरा के दियरी जराई देतु माई
चिदानंद रूपिणी चरन में सिर नाईं
मांगेला 'हरष' तम ताप हारिणी से
वरदान माँगी मईया...