भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

वर्षा मंगल / नरेन्द्र शर्मा

Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:34, 31 मार्च 2011 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सत रंग चुनर नव रंग राग
मधुर मिलन त्यौहार गगन में,
मेघ सजल , बिजली में आग ...
सत रंग चुनर , नव रंग पाग!

पावस ऋतु नारी , नर सावन,
रस रिमझिम , संगीत सुहावन,
सारस के जोड़े, सरवर में,
सुनते रहते, बादल राग!
सत रंग चुनर , नव रंग राग!

उपवन उपवन, कान्त-कामिनी,
गगन गुंजाये , मेघ दामिनी,
पत्ती पत्ती पर हरियाली,
फूल-फूल पर, प्रेम-पराग!
सत रंग चुनर , नव रंग राग ...

पवन चलाए, बाण बूंद के,
सहती धरती, आँख मूंद के--
बेलों से अठखेली करते,
मोर-मुकुट पहने बन-बाग़!
सत रंग चुनर नव रंग पाग!