Last modified on 28 मार्च 2011, at 18:54

वसंत / त्रिलोचन

नव वसंत खिला जब भाग्य सा,
भुवन में तब जीवन आ गया,
गगन ने उस को अपनाव से,
अतुल गौरव से, अपना किया ।