Last modified on 16 मई 2017, at 16:36

वह कौन था / अखिलेश्वर पांडेय

एक दिन सुबह वह
अपनी उत्पबति के बारे में जानने की
खुनी और रुहानी जल्द बाजी में पाया गया,
वह पागलों की तरह खुद को
कभी हिंदू तो कभी मुसलमान कहकर
चिल्लां रहा था,
जाहिर है
उसके सोचने के बारे में
भला हम क्याक सोच सकते थे
हमने उसकी ओर गौर से देखा,
पर पहचानना मुश्किल था
बावजूद इसके कि
वह आया हमीं में से था