Last modified on 17 जुलाई 2022, at 12:56

वावोड़ / चंद्रप्रकाश देवल

आज म्हारै होठां
थनै चितारी अे मुळक!
थूं है के
कोसां अळगी
कांई ठाह किण दिस ढळगी
चालौ-कीं कोनीं

थूं कीकर है?
मन में हींगापाई आ लागी
खांगी व्हैगी व्है तो कीं कोनीं
मगसी पड़गी तो ई कीं कोनीं
पण थूं है तो अजतांई मुळक इज नहीं
रैय-रैय जीव जावै इण कांनी

अबै अै वावोड़ जाणण नै
कळपतौ मन
कांई करै उडीकण टाळ
थूं ई बता!