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वा तो सात पापड़ की जोड़ी हो / मालवी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

वा तो सात पापड़ की जोड़ी हो
वे तो लईगया फलाणा राम चोरी हो
देख्या-देख्या फलाणी बाई चोरी हो
उनखे बांदिया फलाणी बाई चोरी हो
उनखे बांदिया मोया की डोरी हो
धीर-या-धीर या उनखे सालाजी सेरी हो
अब तो छोड़ पनोती गोरी वो
मैं तो कदी नी करूँ पापड़ चोरी वो