Last modified on 11 अप्रैल 2014, at 23:12

विक्टोरिया मेमोरियलः दो कविताएँ / निशांत

एक
 
उस भवन में
कोई नहीं रहता
एक अकेली परी
उसके गुम्बद पर नाचा करती है ।

दो

दुनिया में
यही एक जगह है
जहाँ मैं
तुम्हे प्यार कर सकता हूँ

अहा
पाँच रूपया
और विक्टोरिया मेमोरियल...।