भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

विपना नभई बाँचिदिने / दिव्य खालिङ

Kavita Kosh से
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:19, 6 दिसम्बर 2018 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


विपना नभई बाँचिदिने मभित्रका मेरा सपना
म मरे पनि रहिदिने मेरा प्यारा प्यारा सपना

आँशुसितै पग्ली झर्ने हाँसोभित्रै खेलिरहने
प्रीत नपाई रोजी हिँड्ने ती अधूरा मेरा सपना

भावनामा अल्झिरहने कल्पनामा बल्झिरहने
जीवन नपाई खोजिहिँड्ने ती पुराना मेरा सपना