भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
आंखों में आसमान / ज्ञान प्रकाश विवेक से जुड़े हुए पृष्ठ
Kavita Kosh से
नीचे दिये हुए पृष्ठ आंखों में आसमान / ज्ञान प्रकाश विवेक से जुडते हैं:
देखें (पिछले 20 | अगले 20) (20 | 50 | 100 | 250 | 500)- फिर आज बर्फ़ पर सूरज टहलने आया है / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- आँसुओं की तरह आँखों में जड़ा हूँ लोगो / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- झगड़ा किया था जिसने कल रात ज़िन्दगी से / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- भोला बालक है भला कैसे सताऊँ उसको / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- अजीब बात वो तिनकों का आशियाना था / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- अजीब किस्म का विश्वास उस बशर में है / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- अपने विश्वास को आप तोड़ा न कर / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- इक लफ़्ज़ में जो प्यार का पैग़ाम लिख गया / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- भूचाल जो मेरा मकान तोड़ जाएगा / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- मैं कुछ दिन से यहाँ आकर बसा हूँ / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- हरेक आदमी बेघर है ज़िन्दगी के लिए / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- कभी वो शाहसवारों की बात करता है / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- लोग ऊँची ऊड़ान रखते हैं / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- मुहब्बतों के खुले दर नज़र नहीं आते / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- ये कारवाने वक़्त कसक छोड़ जाएगा / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- सदस्य:द्विजेन्द्र द्विज (← कड़ियाँ)
- कुछ लोग थे कि रेत में जल ढूँढते रहे / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- धूप लिक्खूँ या कहकशाँ लिक्खूँ / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- हज़ारों वहशतों का घर है दंगा / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)
- हाथ में लेकर खड़ा है बर्फ़ की वो सिल्लियाँ / ज्ञान प्रकाश विवेक (← कड़ियाँ)