भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कभी ख़ुश भी किया है दिल किसी रिन्दे-शराबी का / ख़्वाजा मीर दर्द से जुड़े हुए पृष्ठ
Kavita Kosh से
कभी ख़ुश भी किया है दिल किसी रिन्दे-शराबी का / ख़्वाजा मीर दर्द को कुछभी जुडता नहीं हैं ।