भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ज़लील हो के तो जन्नत से मैं नहीं आया / दिलावर 'फ़िगार' से जुड़े हुए पृष्ठ

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
यहाँ के हवाले कहाँ कहाँ हैं    
छन्ने दिखाएँ ट्रान्स्क्ल्युजन्स | दिखाएँ कड़ियाँ | छुपाएँ पुनर्निर्देश

ज़लील हो के तो जन्नत से मैं नहीं आया / दिलावर 'फ़िगार' को कुछभी जुडता नहीं हैं ।