भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तमाम आलम से मोड़ कर मुँह में अपने अंदर समा गया हूँ / हनीफ़ कैफ़ी से जुड़े हुए पृष्ठ
Kavita Kosh से
तमाम आलम से मोड़ कर मुँह में अपने अंदर समा गया हूँ / हनीफ़ कैफ़ी को कुछभी जुडता नहीं हैं ।