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तुम मुझमें प्रिय, फिर परिचय क्या! / महादेवी वर्मा
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13:31, 9 जुलाई 2013
परछाई रजनी विषादमय
वह जागृति वह नींद स्वप्नमय,
खेल
-
खेल
,
थक
-
थक सोने दे
मैं समझूँगी सृष्टि प्रलय क्या?
Sharda suman
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