Changes

सीख / रूपसिंह राजपुरी

1 byte added, 03:55, 18 अक्टूबर 2013
{{KKCatRajasthaniRachna}}
{{KKCatKavita‎}}
<poem>बरसना है तो रामजी ढंग स्यूं बरसो,
गाजण-गूजण में के पड़यो है ।
पति न परमेशर मानो ए पत्नियों,
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,090
edits